काश के पंख होते
उड़ती फिरती इस नील गगन में
खुला आसमान , खुले पंख
हवा का झोंका और लम्बी उड़ान
पर्बतों की चोटी को छू लू
समनदर में पैरों को धो लू
हर फूल की खुश्बू को समेटू
जुगनुओ के साथ आँख मिचोली खेलू
चंदा की सवारी करती
तारो को खुद पे सजाती
न डर होता रास्तों को भूलने का
न गम होता अपनों से बिछड़ने का
न किसी से हराने का डर होता
न किसी को कुछ दिखाना होता
काश के पंख होते
उड़ती फिरती इस नील गगन में
दूर बहुत दूर.……
Keep Faith
Chakoli :)
उड़ती फिरती इस नील गगन में
खुला आसमान , खुले पंख
हवा का झोंका और लम्बी उड़ान
पर्बतों की चोटी को छू लू
समनदर में पैरों को धो लू
हर फूल की खुश्बू को समेटू
जुगनुओ के साथ आँख मिचोली खेलू
चंदा की सवारी करती
तारो को खुद पे सजाती
न डर होता रास्तों को भूलने का
न गम होता अपनों से बिछड़ने का
न किसी से हराने का डर होता
न किसी को कुछ दिखाना होता
काश के पंख होते
उड़ती फिरती इस नील गगन में
दूर बहुत दूर.……
Keep Faith
Chakoli :)
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